दो बंदूक वाले घोड़ों के सामने हम सब नीचे झुकते हैं,
जिस दिन मैं तुम्हें देखा था,
तब से मेरे होंठों पर सिगरेट नहीं जलती है।
अब तो मैं तुम्हारे चेहरे को ही देखता रहता हूँ,
जो मेरी जिंदगी को रौशनी देता है।
दो बंदूक वाले घोड़ों के सामने हम सब नीचे झुकते हैं,
जिस दिन मैं तुम्हें देखा था,
तब से मेरे होंठों पर सिगरेट नहीं जलती है।
अब तो मैं तुम्हारे चेहरे को ही देखता रहता हूँ,
जो मेरी जिंदगी को रौशनी देता है।
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